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वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित हो चुका है

Waqf bill वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित हो चुका है, जिस पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस विधेयक को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, उनका दावा है कि यह मुसलमानों के अपने धार्मिक संस्थानों और संपत्तियों पर नियंत्रण के अधिकारों का उल्लंघन करता है।

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संसद ने Waqf bill (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया है,

संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया है, जिसे आज तड़के राज्यसभा ने मंजूरी दे दी। उच्च सदन ने विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके पक्ष में 128 सदस्यों ने मतदान किया, जबकि 95 सदस्यों ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया। राज्यसभा में विधेयक पर करीब 12 घंटे तक चर्चा हुई। लोकसभा पहले ही विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।

waqf bill (संशोधन) विधेयक 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है,

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है,waqf bill जिसमें विरासत स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के प्रावधान हैं। इस विधेयक का उद्देश्य संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाकर, वक्फ बोर्ड और स्थानीय अधिकारियों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करके और हितधारकों के अधिकारों की रक्षा करके शासन में सुधार करना भी है। विधेयक मुस्लिम महिलाओं, विशेष रूप से विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार करना चाहता है। विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड को अधिक समावेशी बनाना है, जिसमें बेहतर वक्फ प्रशासन और निर्णय लेने के लिए विभिन्न मुस्लिम संप्रदायों का प्रतिनिधित्व हो। वक्फ (संशोधन) वक्फ प्रशासन के लिए एक धर्मनिरपेक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली स्थापित करता है।

इस कानून से करोड़ों गरीब मुसलमानों को

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस कानून से करोड़ों गरीब मुसलमानों को फायदा होगा और किसी भी तरह से यह किसी भी मुसलमान को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों में हस्तक्षेप नहीं करता है। waqf bill उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सबका साथ और सबका विकास के विजन के साथ काम करती है और यह किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं करती है। उन्होंने कहा कि गरीब और पसमांदा मुसलमान उनसे मिलने आए और उन्होंने आग्रह किया कि विधेयक को जल्द पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार मुसलमानों को देश की मुख्यधारा में लाना चाहती है। श्री रिजिजू ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति में सदस्यों के विचारों को भी सुना गया और उनके सुझावों को विधेयक में शामिल किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्रीय वक्फ परिषद में पदेन सदस्यों सहित 22 सदस्य होंगे और परिषद में चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड के ग्यारह सदस्यों में से केवल तीन गैर-मुस्लिम होंगे। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक संस्था है waqf bill और इसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए, लेकिन फिर भी सरकार ने इसमें गैर-मुस्लिमों की संख्या सीमित कर दी है।

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