
एआईएडीएमके के डॉ. एम. थंबीदुरई ने कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड और वक्फ बोर्ड परिषद की संरचना में बदलाव के लिए कानून लेकर आई है।
भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सरकार गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए यह विधेयक लेकर आई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक नहीं है, क्योंकि यह हर अल्पसंख्यक समुदाय को एकीकृत करता है।
कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल, एनसीपी-एससीपी की डॉ. फौजिया खान, गुलाम अली, शिवसेना के मिलिंद मुरली देवड़ा और केसी (एम) के जोस के मणि ने बहस में भाग लिया।
Waqf bill अधिनियम 1923 को निरस्त करता है, जिसे राज्यसभा ने मंजूरी दे दी है।
संसद ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी मंजूरी दे दी है, जो मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 को निरस्त करता है, जिसे राज्यसभा ने मंजूरी दे दी है। लोकसभा पहले ही इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे चुकी है।